विषय
- #नोलबू
- #निगल
- #कद्दू
- #हूंगबू
- #अच्छाई की जीत
रचना: 2025-03-18
रचना: 2025-03-18 09:39
बहुत पहले, बहुत पहले, एक गाँव में ख़ुशमिजाज़ फ़ूँबू और लालची नोलबू नाम के दो भाई रहते थे। माता-पिता के गुज़र जाने के बाद, बड़े भाई नोलबू ने सारी सम्पत्ति पर कब्ज़ा कर लिया और फ़ूँबू के परिवार को घर से बाहर निकाल दिया। फ़ूँबू का परिवार गरीब था, लेकिन वे एक-दूसरे का सहारा बनकर मेहनत से जीवन यापन करते थे।
एक वसंत ऋतु के दिन, फ़ूँबू को एक घायल निगल मिला, जिसका पैर टूटा हुआ था। उसने उसे बहुत ध्यान से ठीक किया। अगले वसंत में, वह निगल फ़ूँबू के पास एक कद्दू का बीज लेकर आया। फ़ूँबू ने उसे बो दिया, और पतझड़ में, बड़े-बड़े कद्दू लदे हुए थे।
कद्दू को काटने पर, अंदर से सोना-चाँदी, चावल और रेशम जैसे अनगिनत खज़ाने निकले। फ़ूँबू इन खज़ानों की बदौलत अमीर हो गया और गरीबी से मुक्ति पाकर सुखी जीवन जीने लगा।
यह खबर सुनकर नोलबू को जलन होने लगी। उसने जानबूझकर निगल का पैर तोड़ा और कद्दू का बीज प्राप्त किया। लेकिन नोलबू के कद्दू में सोने-चाँदी की जगह तरह-तरह के डरावने जीव निकले और नोलबू का घर पल भर में बर्बाद हो गया।
अंत में, नोलबू ने अपनी गलती मानी और फ़ूँबू से माफ़ी मांगी। दयालु फ़ूँबू ने उसे माफ़ कर दिया और वे साथ में सुखी जीवन जीने लगे। फ़ूँबू ने नोलबू को अपनी सम्पत्ति में से हिस्सा दिया, और नोलबू ने भी लालच छोड़कर नेक काम करने लगा। दोनों भाइयों ने आपसी मतभेद भुलाकर पहले से ज़्यादा प्यार से साथ रहने लगे और सुखी जीवन जीने लगे।
सीख
फ़ूँबू और नोलबू की कहानी नेकी और बुराई के फल की सीख देती है। यह दिखाती है कि अच्छे काम करने से इनाम मिलता है और बुरे काम करने से सज़ा। साथ ही, यह भाईचारे और बांटने की ज़रूरत पर ज़ोर देती है। मुश्किल हालात में भी एक-दूसरे की मदद करना और बांटना बड़ी ख़ुशी देता है। लालच बुराई लाता है और नेकदिली खुशियाँ। दूसरों को नुकसान पहुँचाने से खुद को ही नुकसान होता है। असली ख़ुशी पैसों से नहीं, बल्कि परिवार और पड़ोसियों के प्यार और बांटने से मिलती है। साथ ही, गलती मानने और माफ़ी मांगने की अहमियत बताई गई है। अपनी ग़लती मानना और बदलने की कोशिश नयी ज़िन्दगी का रास्ता खोलती है।
आज के समय में दोबारा मूल्यांकन
आज के समाज में "मेहनत" और "काबिलियत" को ज़्यादा तवज्जो दी जाती है, और सिर्फ़ "अच्छे काम" से कामयाबी पाना मुश्किल माना जाता है। लेकिन, फ़ूँबू और नोलबू की कहानी सिर्फ़ धन-दौलत की कामयाबी ही नहीं, बल्कि रिश्तों और मानसिक सुकून की अहमियत भी बताती है। चाहे कितनी ही काबिलियत क्यों न हो, अगर रिश्ते अच्छे न हों या लालच में आकर किसी को नुकसान पहुँचाया जाए, तो असली ख़ुशी नहीं मिलती। साथ ही, कितनी ही मुश्किलें क्यों न हों, सकारात्मक सोच और बांटने की भावना रखने से अप्रत्याशित खुशियाँ मिल सकती हैं।
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